Monday 29 August 2011

अतीत के आइने

झाकता हूँ जब अतीत के आइने मेँ,
तो सोचता हूँ कि, 
वक्त बदल गया , 
या फिर वक्त ने मुझे बदल दिया।
पहले ये जिन्दगी दावोँ पर चलती थी, 
अब उसके दावेदार हैँ कई। 
इससे तो भली वहीँ जिँदगी थी, 
जब चार आने के बाइस्कोप मेँ ज्यादा संतुष्टि मिलती थी। 
अब समझौता कर लिया मैँने,
कि वो यादेँ दूर किसी शहर मेँ बसतीँ हैँ, 
और वक्त का गुजरना तो एक नियति है।
- सुमित श्रीवास्तव

Wednesday 3 August 2011

प्यार तो बस प्यार होता है

प्यार तो बस प्यार होता है, 
कभी माँ की आँचल, 
कभी पिता का स्नेह ,
कभी बहन की राखी, 
तो कभी भाई का तकरार होता है, 
प्यार तो बस प्यार होता है।